मानसून में कौन से फलदार पौधे लगायें | Monsoon me kon se faldar paudhe lagaye | Which fruitful plants to plant in monsoon
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दोस्तों नमस्कार!
मानसून का सीजन आ गया है और रिमझिम बरसात की फुँहारें पड़ने लगी हैं। इस सीजन में सबसे अधिक वृक्षारोपण भी किया जाता है। यह समय किसान भाईयों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस मौसम में कई प्रकार के फलदार पौधें लगायें जाते हैं।
इस आलेख में हम आपको बतायेंगे कि आप इस मौसम में कौन से फलदार पौधों का रोपण कर सकते हैं। यदि आप बागवानी का शौक रखते हैं तो आप एक बगीचा भी लगा सकते हैं।
इस सुन्दर बागीचे में आप चाहें तो किसी एक ही फल प्रजाति के पौधे लगायें या फिर आप कयी प्रकार के फलों को अपने बागीचे का सदस्य बना सकते हैं। इससे भविष्य में आप अपने ही बागीचें से कयी प्रकार के फलों का स्वाद भी ले सकेंगे।
भारत में बागवानी किसानों के लिए हमेंशा से ही मुनाफे का सौदा रहा है। जिससे सामान्य लागत व देखरेख में लम्बे समय तक आय प्राप्त होती है।
अच्छा चलिए आप सोचिए कि, आपने एक गड्डा खोदकर थोड़ा खाद डाली और एक फलदार पौधा लगाया। कभी कभार उसके आस-पास की घास उखाड़ दी और कभी पानी और थोड़ा खाद दे दी और कुछ सालों बाद वही पौधा बड़ा होकर आपको स्वादिष्ट फल देने लगे तो आपको उस वक्त कितना सूकूँन मिलेगा?
अब अगर आपके उपयोग से अतिरिक्त फल आने लगें और आपको उन्हें बाजार में बेचकर पैसा भी मिलने लगे तो आपको फायदा ही हुआ ना। यदि यह फायदा आपको वर्षों तक मिलता रहे तो यह आपके लिए और भी मजेदार होगा।
तो आईए जानते हैं मानसून के इस खूबसूत सीजन में आप आपनी बगिया में कौन से फलदार पौधे लगा सकते हैं-
1. मानसून में फलदार पौध रोपण के लिए फल प्रजाति का चुनावः
दोस्तों बेहतरीन गुणवत्ता, आकार, स्वाद, आर्कषक रंग एवं लम्बे समय तक फल प्राप्त करने के लिए फलदार पौधों की सबसे अच्छी प्रजाति का चुनाव करना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिए आपको पता होना चाहिए कि आपको कौन से फल की कौनसी प्रजाति को लगाना है।
ताकि आप सुनिश्चित कर सकें कि जो पौधा आप आज लगा रहे हैं, वह आने वाले भविष्य में आपको अच्छा व गुणवत्तायुक्त उत्पादन दे।
नीचे दी गयी तालिका में मानसून के दौरान लगायें जाने वाले फलदार पौधों के नाम, उनकी मुख्य प्रजातियां, उनके फलचक्र को बताया गया है। जिसमें से आप अपनी भौगोलिक एवं जलवायु के अनुसार उपयुक्त प्रजाति का चुनाव कर सकते हैं-
2. मानसून के दौरान लगायें जाने वाले फलदार पौधेः
क्र.सं. | फल का नाम | मुख्य प्रजातियाँ |
1. | आम | मैदानी क्षेत्रों के लिए आम की अगेती किस्मेंः बम्बई ग्रीन, गौरजीत, पंत सिंदूरी |
आम की मध्य किस्मेंः लखनऊ सफेदा, दशहरी, लंगड़ा, मल्लिका, अरूनिका | ||
आम की पछेती किस्मेंः फजली, आम्रपाली व चौसा | ||
घाटी वाले क्षेत्रों के लिए आम की किस्मेंः दशहरी, बम्बई ग्रीन, लंगड़ा व पंत चन्द्रा | ||
आम की अचार वाली किस्मेंः रामकेला, केतकी, बथुई चेलेन्जर | ||
आम की निर्यात के लिए उपयुक्त किस्मेंः अल्फान्सों, अरूनिका, केसर, पूसा अरूनिमा, हुस्नारा | ||
2. | अमरूद | पंत प्रभात, इलाहाबाद सफेदा, सरदार अमरूद (R-49), ललित, श्वेता, इलाहाबाद सुर्खा, हिसार सफेदा, हिसार सुर्खा, अरका किरन |
3. | लीची | पर्वतीय क्षेत्र के लिए लीची की उपयुक्त किस्मः रोज सेन्टेड |
मैदानी एवं भावर क्षेत्र के लिए लीची की उपयुक्त किस्मः रोज सेन्टेड, लेट बेदाना, कलकतिया, चाइना | ||
लीची की अन्य किस्मेंः स्वर्णरूपा, मधु | ||
4. | कटहल | पंत गरिमा, पंत महिमा, रूद्राक्षी, सिंगापुर |
5. | केला | ग्रेड नेने, हरीछाल (रोबस्टा) डवार्फ कावेंडिस, पूवन, हिल बनाना, नेन्नद्रन |
6. | नीबू वर्गीय फल | पर्वतीय क्षेत्र के लिए सन्तरा की किस्मेंः नागपुर, श्रीनगर, हिल संतरा, किन्नों |
माल्टा की किस्मेंः हैमलीन, वैलेसियालेट, कामन माल्टा | ||
नीबू की किस्मेंः पंत लेमन-1, पहाड़ी नीबू, इटैलियन लेमन | ||
कागजी नीबू की किस्मेंः विक्रम (घाटी क्षेत्र के लिए) | ||
मैदानी व भावर क्षेत्र के लिए उपयुक्त किस्मेंः पंत लेमन-1, कागजी नीबू | ||
7. | पपीता | पंत पपीता-1, पूसा नन्हा, पूसा डवार्फ, पूसा डेलीशियस, पूसा मेजेस्टी, फार्म स्लेक्सन-1, सूर्या, रेड लेडी |
8. | आंवला | पंत आवला, बनारसी, हाथीझूल (फ्रासिंस), बलवन्त, भवानी सागर, चकईया, कृष्णा, कंचन, लक्ष्मी-52 |
9. | बेर | उमरान, बनारसी, कड़ाका, दनदन, सनौर-2, कैथली, सेब (एप्पल बेर) |
10. | करौंदा | पंत मनोहर, पंत सुदर्शन, पंत सुर्वणा |
11. | चीकू | छतरी, काली पट्टी, क्रिकेट बाल, पी.के.एम.-1, पी.के.एम.-2, कोयम्बटूर-1, कोयम्बटूर-2 |
12. | बेल | पंत शिवानी, पंत अपर्णा, पंत सुजाता, पंत उर्वसी, सी.आई.एस.एच.बी.-1, सी.आई.एस.एच.बी.-2, एन.बी.-1, एन.बी.-5 |
13. | अनार | गणेश, धोलका, अलॉडी, पेपर शैल, स्पैनिश रूबी, मृदुला, रूबी, भगवा |
14. | अंगूर | परलेट, पूसा नवरंग, फलेम सीडलैस, गुलाबी हिमरौड, ब्यूटी सीडलैस, अर्कावती, अर्का कंचन, अर्का श्याम, अर्का हंस, पूसा उर्वशी |
मानसून के दौरान लगायें जाने वाले उक्त फलदार पौधे तथा उनकी प्रजाति से संबंधित तालिका गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर, ऊधम सिंह नगर, उत्तराखण्ड के कृषि विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर तैयार की गई है।
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3. फलदार पौधों के रोपण के समय नर व मादा पौधों के सही अनुपात का ध्यान रखेंः
उक्त तालिका में दी गयी कुछ फल प्रजातियों जैसे कटहल तथा पपीता में नर तथा मादा पौध होती है। अच्छे उत्पादन के लिए बगीचे में ठीक अनुपात में नर पौधों का लगाया जाना बहुत जरूरी होता है। पपीते में 10 प्रतिशत नर पौधें की संख्या लगाना आवश्यक है।
4. फलदार पौधों के रोपण से पूर्व की तैयारीः
किसी भी फलदार पौध के रोपण से पूर्व कुछ सामान्य कार्य करने आवश्यक हैं। इसमें पहला कार्य है गड्डे खोदना तथा दूसरा कार्य है पौधे को लगाना।
सामान्य तौर पर बड़े फलदार पेड़ की पौध जैसे आम, अमरूद, लीची, कटहल के रोपण लिए 1 मीटर चौड़ा व 1 मीटर गहरा गड्डा खोदा जाता है तथा पौधे से पौधे की दूरी 10 मीटर रखी जाती है।
केला, नीबू वर्गीय फलों, पपीता, आंवला, बेर, अनार व अंगूर के पौध लगाने के लिए 2 फीट चौड़ा व 2 फीट गहरा गड्डा खोदा जाता है तथा पौधे से पौधे की दूरी 5 मीटर रखी जाती है।
सघन वागवानी में बड़े फलवृक्षों के लिए पौधे से पौधे की दूरी 2.5X2.5 मीटर तथा छोटे आकार वाले फलवृक्षों में पौधे से पौधे की दूरी 1.5X1.5 मीटर रखी जा सकती है।
5. फलदार पौधों का रोपण कैसे करें?
मानसून के दौरान लगायें जाने वाले फलदार पौधों के रोपण से पूर्व गड्डे से निकाली गयी मिट्टी में 10 किलोग्राम गोबर की ठीक से सड़ी खाद, 75 से 100 ग्राम नाइट्रोजन, 50 से 75 ग्राम फास्फोरस, 50 से 100 ग्राम पोटाश (अलग-अगल पौधे के अनुसार मात्रा भिन्न) ठीक से मिलाकर गड्डे में पौधे की साईज के हिसाब से भर लें।
इसके बाद पौधे को रोपित कर उसकी जड़ से 3 इंच ऊपर तक मिट्टी के अंदर दबाकर पौधा रोपित करें तथा पैरों की सहायता से पौधे के चारों ओर की मिट्टी को ठीक से दबा दें।
ध्यान रखेंः रोपित किया जाने वाला पौधा पूर्ण रूप से स्वस्थ्य होना चाहिए। उसमें किसी प्रकार का विकार अथवा जड़े नहीं टूटी होनी चाहिए। ग्राफ्ट किये गये पौधों में ग्राफ्ट ठीक से लगी होनी चाहिए।
6. वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान भी फलदार पेड़ लगायेंः
दोस्तो हर बर्ष मानसून में वृक्षारोपण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें हम छायादार पेड़ लगाते हैं। लेकिन अब से वृक्षारोपण कार्यक्रमों में भी फलदार पेड़ लगाने की परम्परा प्रारंभ करें। इसके दो फायदे होंगे पहला पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी, दूसरा राहगीर लोगों को स्वादिष्ट फल भी खाने को मिलेंगे। ऐसे में जरा सोचिये पेड़ लगाने वाले को कितनी अच्छी दुवायें मिलेंगी।
7. मानसून के दौरान लगायें जाने वाले फलदार पौध कहाँ से प्राप्त करें?
दोस्तो यह विषय सबसे महत्वपूर्ण है। क्योंकि अमूमन ऐसा देखा जाता है कि, फर्जी नर्सरी वाले अपने मुनाफे के चक्कर में अच्छी गुणवत्ता के पौधों के नाम पर घटिया पौधे किसानों या खरीददार को बेच देते हैं। जिसका खामियाजा पौध लगाने वाले को बाद में भुकतना पड़ता है।
इस प्रकार की समस्या का एक आसान सा समाधान है कि, आप जब भी किसी फल प्रजाति के पौधे खरीदे तो आप अपने नजदीक की किसी विश्वसनीय पौधशाला, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि अनुसंधान केन्द्र, राजकीय पौधशाला, उद्यान विभाग या प्रतिष्ठित पौधशाला से ही पौधे खरीदें।
दोस्तों आपको हमारा यह आलेख कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर या मेल कर जरूर बताईयें। यदि आप मानसून के दौरान लगायें जाने वाले फलदार पौधों में से किसी खास फल को लगाने व व्यावसायिक स्तर पर बागीचा स्थापित करने की पूर्ण तकनीकी जानकारी चाहते हैं तो हमें लिखिए। हम आपके लिए इस बिषय पर पूर्ण जानकारी तैयार कर अपनी वेबसाइट में अवश्य प्रकाशित करेंगे।
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